Workshop Safety Practice | कार्यशाला सुरक्षा अभ्यास

ITI Electrician Theory Module 1 Workshop Safety Practice complete study from here. आईटीआई इलेक्ट्रीशियन थ्योरी मॉडुल 1 कार्यशाला सुरक्षा अभ्यास
Workshop Safety Practice

ITI Electrician Theory 1st year Workshop Safety Practice complete study from here. आईटीआई इलेक्ट्रीशियन थ्योरी मॉड्यूल 1 कार्यशाला सुरक्षा अभ्यास का सम्पूर्ण अध्ययन यहाँ से करे। ऑनलाइन पढ़ने के साथ ही महत्वपूर्ण प्रश्नो का टेस्ट लगाए।

Electrician Theory 1st year book pdf

Workshop Safety Practice Study Online

मॉड्यूल -1 कार्यशाला सुरक्षा अभ्यास (Workshop Safety Practice) को चार टॉपिक्स में बांटा गया है, ऑनलाइन पढ़ने के लिए निचे से टॉपिक का चुनाव करे।


सुरक्षा नियम, सुरक्षा चिन्ह, जोख़िम
उद्देश्य : इस पाठ के अन्त में आप निम्नलिखित कार्य करने योग्य होंगे
  • सुरक्षा के नियमों की अनुपालन एवं आवश्यकता स्पष्ट करना।
  • इलेक्ट्रीशियन द्वारा अनुपालन किए जानेवाले सुरक्षा नियमों की सूची बनाना।
  • सुरक्षा चिन्हो की पहचान करना। 

सुरक्षा नियमों की आवश्यकता (Necessity of safety rules)

किसी कार्य में सुरक्षा जागरूकता एक आवश्यक अवस्था है। एक चतुर इलेक्ट्रीशियन को सदैव सुरक्षित कार्यकारी स्वभाव बनाने का प्रयास करना चाहिये। सुरक्षित कार्यकारी स्वभाव सदैव जन, धन और सामग्री की रक्षा करता है। असुरक्षित स्वभाव से शारीरिक एवं आर्थिक नुकसान हो सकता है, बड़ी दुर्घटना होने पर मृत्यु तक हो सकती है। दुर्घटनाओं तथा विद्धुत आघातों से बचने के लिये इलेक्ट्रीशियन को नीचे दिये गये सुरक्षा बिन्दुओं का अनुपालन करना चाहिये, क्योंकि उसके कार्य में अनेकों व्यवसायिक बधाए होती है जिनका उन्हें सामना करना होता है।

एक इलेक्ट्रीशियन के लिए सुरक्षा नियम (Safety rules for an electrician)

  • केवल योग्यता प्राप्त लोगों को ही विद्युत कार्य करना चाहिये।
  • कार्यशाला के फर्श को स्वच्छ और टूल्स को उत्तम दशा में रखें।
  • चालू परिपथों पर कार्य न करें। यदि आवश्यक है तो रबर के दस्तानो का प्रयोग करें।
  • ऊंचाई अथवा खम्भों पर कार्य करते समय सदैव सुरक्षा पेटी का प्रयोग करें।
  • स्विच पैनेल्स, नियन्त्रण गियर्स इत्यादि पर कार्य करने एवं प्रचालन के समय रबर की चटाई पर खड़े हों।
  • किसी भी यन्त्र उपकरण को उसकी प्रचालन विधि का विनिर्देशन करके ही प्रचालित करें।
  • परिपथ में केवल उचित धारिता वाले फ्यूज प्रयोग करें। यदि धारिता कम है तो भारित किये जाने पर यह जल जायेगा। यदि धारिता अधिक है तो इससे कोई रक्षा नही होगी।
  • सदैव 3 पिन सॉकेट और प्लगों के साथ सभी वैद्युत साधनों के लिये अर्थिंग करें।
  • परिपथ बटन को बन्द करने के पश्चात ही फ्यूज को पृथक अथवा प्रतिस्थापित करें।
  • छाती अथवा पेट पर चोट/जलन की स्थिति में मुँह-से-मुँह की साँस देने की विधि अपनायें । पीठ पर चोट/जलन की स्थिति में नेल्सन विधि को अपनायें। अगर मुँह बंद हो ऐसी स्थिति में स्काफर अथवा होल्गन-नेल्सन विधि अपनायें।

सुरक्षा चिह्न (Safety signs)

किसी निर्माण स्थल पर कार्य के लिये जाते समय आप विभिन्न प्रकार के चिन्ह सूचनायें देखते होंगे। इनमें से कुछ से परिचित भी होंगे। सुरक्षा चिन्हो को चार विभिन्न श्रेणियों में रखा जाता है। इनकी पहचान आकार तथा रंग से की जाती है। ये केवल एक प्रतीक हो सकते हैं अथवा चिन्ह, अक्षर या चित्र सहित हो सकते है। 

सुरक्षा चिन्हों की चार मौलिक श्रेणियां निम्न प्रकार है :-

1. निषेधात्मक चिन्ह (Prohibition Signs)

आकृति  वृत्ताकार
रंग सफेद बैकग्राउंड पर काले चिन्ह
अर्थ ऐसा नहीं करने को दर्शाता है
उदारहण No Smoking (धूम्रपान निषेध)
Don't extinguish with water (पानी से न बुझाएं)
Pedestrians Prohibited (पैदल चलने वालों पर रोक)
No Smoking sign

No Smoking

do not extinguish with water sign

Don't extinguish with water

Pedestrians Prohibited sign

Pedestrians Prohibited

 

2. अनिवार्य चिन्ह (Mandatory Signs)

आकृति  वृत्ताकार
रंग नीले बैकग्राउंड पर सफेद चिन्ह
अर्थ क्या करना चाहिए को दर्शाता है
उदारहण WEAR HAND PROTECTION (दस्ताने पहने)
WEAR FOOT PROTECTION (पैर की सुरक्षा पहनें)
WEAR HEAD PROTECTION (सिर की सुरक्षा पहनें)
WEAR RESPIRATOR (श्वसन यंत्र पहनें)
WEAR HAND PROTECTION sign

WEAR HAND PROTECTION

WEAR FOOT PROTECTION sign

WEAR FOOT PROTECTION

WEAR HEAD PROTECTION signs

WEAR HEAD PROTECTION

WEAR RESPIRATOR sign

WEAR RESPIRATOR

 

3. चेतावनी चिन्ह (Warning Signs)

आकृति  त्रिभुजाकार
रंग पीले बैकग्राउंड पर काले चिन्ह
अर्थ संकट या खतरे के प्रति सावधान करता है
उदारहण Risk of electric shock (विद्युत झटके का खतरा)
Overhead Hazard (ऊपरी खतरा)
Risk of Fire (आग लगने का खतरा)
Toxic Hazard (जहरीला खतरा)
risk of electric shock sign

Risk of electric shock

overhead hazard sign

Overhead Hazard

risk of fire sign

Risk of Fire

toxic hazard sign

Toxic Hazard

 

4. सूचना चिन्ह (Information Signs)

आकृति  वर्गाकार या आयताकार
रंग हरे  बैकग्राउंड पर सफेद चिन्ह
अर्थ सुरक्षा सामग्री की सूचना को दर्शाता है
उदारहण First Aid Center (प्राथमिक चिकित्सा केंद्र)
First Aid Kit (प्राथमिक चिकित्सा किट)
Emergency Exit (आपातकालीन निकास)
first aid center

First Aid Center

first aid kit sign

First Aid Kit

emergency exit sign

Emergency Exit

 

सड़क सुरक्षा चिह्न (Road safety signs)

सड़क सुरक्षा चिह्न तीन प्रकार के होते है। 

1. अनिवार्य सड़क सुरक्षा चिह्न (Mandatory Road safety signs)
Stop Road safety sign

Stop

Give way Road safety signs

Give way

Overtaking Prohibited Road safety sign

Overtaking Prohibited

no entry sign

NO ENTRY

 
2. चेतावनी सड़क सुरक्षा चिह्न (Cautionary Road safety signs)
pedestrian crossing Road safety sign

Pedestrian Crossing

school ahead Road safety sign

School Ahead

narrow bridge Road safety sign

Narrow Bridge

 
3. सूचनात्मक सड़क सुरक्षा चिह्न (Information Road safety signs)
Petrol Pump Road safety sign

Petrol Pump

hospital Road safety sign

hospital

public telephone Road safety sign

Public Telephone

 
आग, आग के प्रकार एवं अग्निशामक यंत्रउद्देश्य : इस पाठ के अन्त में आप निम्नलिखित कार्य करने योग्य होंगे
  • कार्यशाला में आग लगने के कारण एवं परिणामों को स्पष्ट करना
  • विभिन्न प्रकार के अग्निशामकों को पहचानना
  • विभिन्न प्रकार की आग का वर्गीकरण करना और आग बुझाने की मूलभूत प्रक्रिया स्पष्ट करना
  • आग के प्रकार के अनुरूप सही अग्निशामक का चयन करना
  • आग लगने की स्थिति में अपनायी जानेवाली सामान्य अग्निशामक के प्रचालन और आग बुझाने की विधि को स्पष्ट करना।

आग (Fire)

ज्वलनशील पदार्थ के जलने को आग कहते है। न चाहे गये स्थान पर तथा न चाहे गये मौको पर तथा अनियंत्रित मात्रा में आग संपत्ति तथा सामान को क्षति या नष्ट कर सकती है। यह व्यक्ति को हानि पहुँचा सकती है। तथा कभी कभी इसके कारण जान भी जा सकती है अतः आग से बचने के लिए सभी कोशिश करनी चाहिए। जब आग के लगने का पता चलता है तो उसे नियंत्रित करने तथा बुझाने की तुरन्त उचित कार्यवाही करनी चाहिए।

अग्नि तत्व (Element of fire) 

आग लगाने के लिए तीन आवश्यक तत्वों (ईंधन, तापमान, ऑक्सीजन) का होना आवश्यक है किसी भी एक की अनुपस्थिति में आग नहीं लगेगी।
element of fire

ईंधन (Fuel)

कोई भी पदार्थ, द्रव, ठोस या गैस तब जलेगा जब उसे आक्सीजन तथा उच्च ताप दिया जाये।

ताप (Heat)

कोई भी ईंधन किसी निश्चित तापमान पर जलना आरम्भ करता है। यह ईंधन पर निर्भर करता है, ठोस तथा द्रव को जब गर्म किया जाये तो वे वाष्प उत्पन्न करते है जिससे आग लगती है। कुछ द्रव को गर्म करने की आवश्यकता नहीं होती क्योंकि वह नार्मल कमरे के ताप पर जैसे 15°C पर वाष्प उत्पन्न करते जैसे पेट्रोल।

ऑक्सीजन (Oxygen)

आग को जलते रहने के लिए ऑक्सीजन सामान्यत: पर्याप्त मात्र में हवा में उपस्थित रहती है।

क्या आग की रोकथाम की जा सकती है? हाँ, आग लगने के आवश्यक तीन कारणों (ईंधन, तापमान, ऑक्सीजन) में से किसी एक को खत्म (विलोपन) करके आग को लगने से बचाया जा सकता है। आग लगाने और जलते रहने के लिए इन तीनो कारको का एक साथ होना आवश्यक है जिसको इस फायर ट्रॉएंगल से समझा जा सकता है।

आग को बुझाना (Extinguishing of fires)

ईंधन, तापमान, ऑक्सीजन में से किसी कारण को अलग करने या हटाने से आग को बुझाया जा सकता है, इसके लिए तीन बेसिक विधियाँ है।
स्टार्विंग (Starving) - ईंधन को आग से अलग करके
स्मूथरिंग (Smothering) - हवा को रोक कर अर्थात फोम (झाग) रेत इत्यादि से ढककर आक्सीजन की सप्लाई को आग से अलग करना।
कूलिंग (Cooling) - ताप कम करके इसके लिए पानी का उपयोग किया जाता है।

आग का वर्गीकरण (Classification of fires)

Classification of fires

ईंधन की प्रकृति के आधार पर आग को चार प्रकार से वर्गीकृत किया जाता है।

CLASS 'A' FIRE

ठोस पदार्थो जैसे - लकड़ी, कागज, कपडा आदि में लगने वाली आग क्लास-ए आग कहलाती है। इस तरह की आग बुझाने के लिए पानी की फुहार द्वारा आग के निचले हिस्से में दें तथा धीरे-धीरे ऊपर लाएं। पानी से भरे अग्निशामक यंत्र का उपयोग इस प्रकार की आग पर किया जाता है।

CLASS 'B' FIRE

द्रव पदार्थो जैसे ग्रीस, गैसोलीन, तेल आदि में लगने वाली आग क्लास-बी आग कहलाती है। इस तरह की आग बुझाने के लिए फोम या रेत इत्यादि से ढककर आक्सीजन की सप्लाई को आग से अलग करना चाहिए। पानी का उपयोग जलते हुए द्रव्य पर कभी न करें। फोम, सूखा पाऊडर या CO2 प्रकार के अग्निशामक यंत्र का उपयोग इस प्रकार की आग पर किया जाता है।

CLASS 'C' FIRE 

गैस अथवा द्रवित गैस में लगने वाली आग क्लास-सी आग कहलाती है। इस तरह की आग बुझाने के लिए बहुत अधिक सावधानी की आवश्यकता होती है। इसमें विस्फोट होने तथा एकाकए आग फैलने का खतरा रहता है। यदि सिलेण्डर में आग लग जाएं तो ऑक्सीजन के प्रदेय को बंद कर दें। सुरक्षित विधि है एलार्म बजाना तथा आग को बुझाना प्रशिक्षित लोगों पर छोड़ दें। सूखे चर्ण वाले अग्निशामक यंत्र का उपयोग इस प्रकार की आग पर करना चाहिए।

CLASS 'D' FIRE

धातु तथा विद्युत उपकरणों में लगने वाली आग क्लास-डी आग कहलाती है। विशेष चूर्ण का विकास हो चुका है जो इस प्रकार की आग को बुझाने का तथा या नियंत्रित कर सकते हैं । इलेक्ट्रीकल उपकरणों में आग को हेलॉन, कार्बन डाईआक्साइड, CTC अग्निशामक यंत्र बुझाने में सहायक है। फोम या पानी से भरे अग्निशामक को किसी भी परिस्थिति में इलेक्ट्रानिक उपकरणों में प्रयुक्त नहीं किया जाता है।

अग्निशामक के प्रकार (Types of Fire Extinguisher)

विभिन्न प्रकार की आग से निपटने के लिए विभिन्न तरह के अग्निशामक यंत्र उपयोग किय जाते है। जिसे इस सरणी से समझते है -
अग्निशामक यंत्र आग का प्रकार ईंधन का प्रकार
1. पानी से भरे अग्निशामक क्लास-ए लकड़ी, कागज, कपडा
2. झाग वाले अग्निशामक क्लास-बी ग्रीस, गैसोलीन, तेल
3. सूखा पाउडर अग्निशामक क्लास-सी गैस अथवा द्रवित गैस
4. हेलॉन अग्निशामक यंत्र क्लास-डी धातु तथा विद्युत उपकरण


पानी से भरे अग्निशामक (Water filled fire extinguisher) - इनमे उच्च दाब पर पानी भरा होता है इसे चलाने पर तेज बौछार के साथ पानी छूटता है।
पानी से भरे अग्निशामक

झाग वाले अग्निशामक (Foam Extinguishers) - ये संग्रहित दाब या गैस कार्टेज प्रकार के हो सकते है। इसे चलाने पर ये झाग फेकते है।
झाग वाले अग्निशामक

सूखा पाउडर अग्निशामक (Dry powder extinguishers) - जिनमें सूखा पाऊडर फिट किया रहता है ये गेस कार्टेज या स्टोर्ड प्रेशर प्रकार के हो सकते हैं। इनका प्रमुख पहचान करने का लक्षण इनका फोर्क के आकार का नॉजल है।
सूखा पाउडर अग्निशामक

हेलॉन अग्निशामक यंत्र (Halon extinguishers) - इन में कार्बन टेट्राक्लोराइड (CTC) अथवा ब्रोमोक्लोरो डाई फ्लोरो मीथेन (BCF) भरा जा सकता है। ये गैस कार्टेज या स्टोर्ड प्रेशर प्रकार के हो सकते है।
हेलॉन अग्निशामक यंत्र

अग्निशामक यंत्र का इस्तेमाल (Use of fire extinguishers)

Use of fire extinguishers

अग्निशामक का इस्तेमाल करने के लिए पी.ए.एस.एस (P.A.S.S.) तरीका अपनाना चाहिए।
  1. P माने खींचना (pull) - सबसे पहले अग्निशामक की सील को तोड़कर सेफ्टी पिन को खींचे
  2. A माने निशाना (aim) - अब आग लगे स्थान के नीचे की और निशाना साधे
  3. S माने दबाना (squeeze) - अब अग्निशामक के लीवर को धीरे धीरे दबाय
  4. S माने इधर उधर घुमाना (sweep) - अब आग पर पाइप को इधर उधर घुमाय जब तक की आग बुझ  नहीं जाती है।

बचाव कार्य, प्राथमिक उपचार, कृत्रिम श्वसन

व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण

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